मनोरंजक कथाएँ >> सबसे अच्छी इबादत सबसे अच्छी इबादतशेख सदी
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14 बाल कहानियों का संग्रह है सबसे अच्छी इबादत ....
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
1.
लकड़हारा
हातिम ताई बड़ा दानी था। वह हर रोज़ सैकड़ों आदमियों को रोटी-कपड़ा दिया
करता था।
एक बार वह जंगल में से गुजर रहा था। एकाएक वह रुक गया। उसने देखा कि एक लकड़हारा सिर पर लकड़ियों का गट्ठर उठाये चला आ रहा है। उसके पाँव बोझ के कारण उखड़ रहे थे वह थकान से चूर दिखाई दे रहा था।
हातिम को उस पर दया आई। उसने पूछा-‘‘इतनी तकलीफ किसलिए उठाते हो, बाबा ?’’
लकड़हारे ने जवाब दिया-‘‘क्या करूँ, भाई ? पेट की आग तो बुझानी ही है।’’
हातिम फिर बोला, ‘‘हाँ, यह तो सच है बाबा ! पर क्या तुमने सुना नहीं हातिम प्रतिदिन सैकड़ों आदमियों को खाने के साथ कपड़ा-लत्ता भी दिया करता है। तुम भी उसके मेहमान हो जाओ न। बैठे-बिठाये सब कुछ मिल जाएगा।’’
इस पर लकड़हारा मुस्करा दिया। बोला-‘‘आप भी खूब हैं ! भई, जो इन्सान मेहनत से कमाकर रोटी खाता है, वह हातिम के एहसान पर क्यों जीने लगा ?’’
यह कहकर लकड़हारा अपनी राह हो लिया। हातिम बड़ाई-भरी नज़रों से उस लकड़हारे को देखता रहा।
जो सुख मेहनत से मिली हुई रूखी-सूखी रोटी में है, वह भीख में पाये हुए नाना पदार्थों में नहीं।
एक बार वह जंगल में से गुजर रहा था। एकाएक वह रुक गया। उसने देखा कि एक लकड़हारा सिर पर लकड़ियों का गट्ठर उठाये चला आ रहा है। उसके पाँव बोझ के कारण उखड़ रहे थे वह थकान से चूर दिखाई दे रहा था।
हातिम को उस पर दया आई। उसने पूछा-‘‘इतनी तकलीफ किसलिए उठाते हो, बाबा ?’’
लकड़हारे ने जवाब दिया-‘‘क्या करूँ, भाई ? पेट की आग तो बुझानी ही है।’’
हातिम फिर बोला, ‘‘हाँ, यह तो सच है बाबा ! पर क्या तुमने सुना नहीं हातिम प्रतिदिन सैकड़ों आदमियों को खाने के साथ कपड़ा-लत्ता भी दिया करता है। तुम भी उसके मेहमान हो जाओ न। बैठे-बिठाये सब कुछ मिल जाएगा।’’
इस पर लकड़हारा मुस्करा दिया। बोला-‘‘आप भी खूब हैं ! भई, जो इन्सान मेहनत से कमाकर रोटी खाता है, वह हातिम के एहसान पर क्यों जीने लगा ?’’
यह कहकर लकड़हारा अपनी राह हो लिया। हातिम बड़ाई-भरी नज़रों से उस लकड़हारे को देखता रहा।
जो सुख मेहनत से मिली हुई रूखी-सूखी रोटी में है, वह भीख में पाये हुए नाना पदार्थों में नहीं।
2.
बुद्धिमान वज़ीर
किसी बादशाह ने एक बार कैदी को मौत की सद़ा सुना दी। कैदी बिगड़ खड़ा हुआ।
उसने शहंशाह को अपनी भाषा में भला-बुरा और गाली देना शुरू कर दिया।
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